मास्क लगाने से कोरोना से ही नहीं बचते बल्कि होते हैं कई और भी फायदे, जानिए

मास्क लगाने से कोरोना से ही नहीं बचते बल्कि होते हैं कई और भी फायदे, जानिए

सेहतराग टीम

देश दुनिया में कोरोनावायरस का संक्रमण शुरू होने पर बचाव का एकमात्र उपाय मास्क को जरूरी बताया गया है। सभी प्रदेशों में जारी जागरूकता अभियान में भी मास्क है जरूरी का जुमला अब प्रचलित हो गया है। लेकिन, शायद आप नहीं जानते होंगे की कोरोनावायरस से बचाव के अलावा भी मास्क के कई फायदे हैं। मास्क लगाने से खून बढ़ता है और फेफड़े भी मजबूत होते हैं, यह तथ्य कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दो चिकत्सकों को प्राथमिक शोध के प्राथमिक परिणाम में सामने आया है। हालांकि अभी शोध जारी है और इसपर वृहद तरीके से अध्ययन करने पर चर्चा शुरू हो गई है।

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जानिए-शोध में क्या आए प्राथमिक परिणाम

आम धारणा यही है कि कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू) शरीर के लिए हानिकारक है। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक (जीएसवीएम) चिकित्सा महाविद्यालय के हैलट अस्पताल में हुए अध्ययन में पाया गया कि मनुष्य को स्वस्थ रखने में सीओटू की भी भूमिका है। जो फेफड़ों के लिए फायदेमंद होने के साथ हीमोग्लोबिन भी बढ़ाती है। देश के अन्य प्रतिष्ठित डॉक्टर भी इससे सहमत हैं। वे यह मानते हैं कि जब शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड का संतुलन रहता है तो वह मांसपेशियां और कोशिकाओं को जीवित रखता है। हालांकि कई बड़े अस्पतालों के चिकित्सक इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनके इस मत ने चिकित्सकों के बीच एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

हैलट के दो चिकित्सकों ने किया अध्ययन

दरअसल, हैलट के दो चिकित्सकों ने कोविड ड्यूटी के दौरान मास्क पहनने के फायदे एवं स्वास्थ्य लाभ की बात न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष सिंह एवं डॉ. चंद्रशेखर सिंह से साझा की। उसके बाद इन दोनों चिकित्सकों ने अध्ययन शुरू किया। इसमें अस्पताल के 135 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया। पांच माह के अध्ययन में यह पाया कि थ्री लेयर एन-95 मास्क प्रदूषण से बचाव संग सेहत की सौगात दे रहा है। मास्क की वजह से ऑक्सीजन के साथ कार्बन डाईआक्साइड (सीओटू) की कुछ मात्रा भी शरीर में जा रही है। सीओटू ऑक्सीजन की अपेक्षा रक्त में तेजी से घुलनशील है। ऐसे में लाल रुधिर कणिकाएं (आरबीसी) शरीर के हर अंग में तेजी से ऑक्सीजन लेकर पहुंचती हैं। शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। वहीं, प्रदूषण कम होने से फेफड़े की मांसपेशियां और टिश्यू भी मजबूत हो रहे हैं। प्रदूषण से क्षतिग्रस्त फेफड़े भी तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं।

मास्क लगाने के फायदे: इंफ्लुएंजा, अस्थमा, प्रदूषण से बचाव, टीबी, एलर्जी, साइनोसाइटिस, नेजल पॉलिप, विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाव।

विशेषज्ञों का कहना है ये

मास्क लगाने से प्रदूषण कारक तत्व शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन (स्तर) बढ़ता है। ऑक्सीजन के साथ कार्बन डाईऑक्साइड जाने से हीमोग्लोबिन बनाने वाले हार्मोंस सक्रिय होते हैं। शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता भी बढ़ती है। ये शोध के प्राथमिक परिणाम हैं, इस पर अध्ययन जारी है। -डॉ. मनीष सिंह, न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष , जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर

खुली हवा में 21 फीसद ऑक्सीजन मिलती है, जबकि मास्क लगाए रहने से 16 फीसद ही ऑक्सीजन मिल पाती है, जिससे हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अगर दो वर्षों तक भारत में मास्क का ऐसे ही इस्तेमाल होता रहा तो टीबी संक्रमण खत्म हो जाएगा। नए मरीज सामने नहीं आएंगे। - डॉ. चंद्रशेखर सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, एनस्थीसियोलॉजी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर

शरीर में 23 फीसद कार्बन डाईऑक्साइड होता है। शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड का बैलेंस मांसपेशियों और कोशिकाओं को जीवित रखता है। इसकी अधिक मात्रा होने पर शरीर पर दुष्प्रभाव भी होता है। एक निश्चित स्तर तक कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक होती है। कई स्थितियों में हीमोग्लोबिन की अधिकता भी नुकसानदेह साबित होती है। - डॉ. राहुल भार्गव, रक्त रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम।

कार्बन डाईऑक्साइड से रक्त का संचालन बढ़ता है, यह तथ्य सही है। मास्क के जरिए कार्बन डाईऑक्साइड के प्रवेश के बारे में बताना मुमकिन नहीं है, क्योंकि इस तरह के शोध के वैश्विक स्तर पर प्रमाणन की जानकारी नहीं है। मास्क के जरिए कार्बन डाइऑक्साइड का प्रवेश सही नहीं है। - डॉ. सौम्य भट्टाचार्य, अपोलो ग्लेनईगल्स हॉस्पिटल, कोलकाता।

(साभार- देनिक जागरण)

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